नमस्कार दोस्तों स्वागत करते हैं, आपका आज के इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे अडानी ग्रुप कंपनी के धमाकेदार न्यूज़ के बारे में अगर आप भी इस न्यूज़ के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़ते रहिए हम आपको सबको डिटेल में बताने वाले हैं।
नमस्कार दोस्तों स्वागत करते हैं, आपका आज के इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे अदानी ग्रुप कंपनी के धमाकेदार न्यूज़ के बारे में अगर आप भी इस न्यूज़ के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़ते रहिए हम आपको सबको डिटेल में बताने वाले हैं।
Adani Group News: अडानी ग्रुप की तरफ से एक नई न्यूज़ निकल कर आ रही है जिसके तहत अडानी ग्रुप की फोर्ड कंपनी अडानी पोर्ट्स एक स्पेशल इकोनामिक जॉन के ऑडिट का कामकाज छोड़ रही है और इसी की चलते हिडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कुछ लेनदेन पर डिलोइट के चिंता जताने के कुछ सप्ताह बाद यह घटना सामने आई है आज हम इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।
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कौन है यह नया ऑडिटर?
अडानी पोर्ट्स एवं स्पेशल इकोनामिक जोन के डेला यार्ड में काम का छोड़ने पर एम एस के एंड एसोसिएट की नई ऑडिटर के तौर पर नियुक्ति की गई है जिसकी पुष्टि हो चुकी है इसके पश्चात डेलाइट 2017 से लेकर एयपिसाइज की ऑडिटर रही है वहीं इन्होंने जुलाई 2022 में इसे 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है।

APSEZ यह बयान में बताते हुए कहा है कि एपीएसईजेड और इसकी ऑडिट सीमित के साथ डेलाइट की हालिया बैठक हुई थी जिसमें कि उन्होंने अनलिस्टेड अडानी पोर्ट फोलियो कंपनी के बारे में भी बात की थी साथ ही ऑडिटर के रूप में व्यापक ऑडिट भूमिका कटौती का संकेत भी दे रही हैं ऑडिट कमिटी का विचार बताते हुए बताया है कि ऑडिट काम का छोड़ने के लिए डेलाइट ने जो भी कारण बताएं वह एक प्रकार से ठोस और पर्याप्त नहीं माने जा रहे हैं।
हिडेनबर्ग रिपोर्ट ने बिगाड़ा पूरा खेल
अभी हाल फिलहाल में हिडेनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है जिसके तहत इस साल 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में हिडेनबर्ग ने धोखाधड़ी को लेकर शहरों में गड़बड़ी और काले धंधे का आरोप लगाया गया था इसके बाद आपस में संबंध बच्चों के बीच में लेनदेन की बात भी हुई थी लेकिन अडानी समूह ने सभी आरोपी को आधारहीन बताया है।
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इस जानकारी को लेकर डेलाइट का यह कहना है कि अडानी ग्रुप में इन आरोपों को जांच स्वतंत्र बारी एजेंसी से कराना जरूरी नहीं समझा है इसी कारण से इनका आकलन तथा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के लिए सेबी की जांच जारी की जानी चाहिए।
कंपनी ने अडानी पोर्ट्स के वित्तीय ब्यूरो में यह भी बताया है कि समूह की तरफ से किया गया मूल्यांकन हमारे ऑडिट के उद्देश्यों के लिए पर्याप्त नहीं है और उचित साक्ष्य उपलब्ध नहीं करवा रहा है। इसी के चलते अडानी ग्रुप अभी के समय में इस दुविधा में फंसा हुआ है और यहां से निकलने के लिए लगातार कोशिश जारी है अभी के समय में इनके ऊपर सेबी की जांच लगाई जाएगी इसके बाद ही कोई नया फैसला जारी किया जाएगा।
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Disclaimer
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